फल एवं सब्ज़ी परिरक्षण से जुड़े कुछ सवाल अनायास ही आ खड़े होते हैं । मसलन फल एवं सब्ज़ी, अनाज की अपेक्षा शीघ्र क्यों खराब होते हैं तथा इन्हें खराब होने से क्या रोका जा सकता है । अथवा इनको खराब होने से रोकने के लिये क्या उपाय अपनाने पड़ेंगे आदि।
इसके
लिये हमें पहले फल एवं सब्ज़ियों की संरचना को समझना पड़ेगा । साधारणतः फल एवं सब्ज़ियों
में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है । यही पानी सूक्ष्म जीवों को पनपने का अवसर
देता है एवं फलों के अंदर चलने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं के लिये माध्यम का कार्य
करता है । इन्हीं कारणों से फल एवं सब्ज़ियों
की गुणवत्ता कटाई के पश्चात निरंतर
घटती जाती है । खटास, मिठास, सड़न,
गलन, सिकुड़न आदि की समस्यायें आती हैं ।
परिरक्षण द्वारा हम फलों की उत्तम अवस्था वाले स्वाद एवं सरंचना को संरक्षित कर
सकते हैं ।
परिरक्षण हेतु फलों का चुनाव
परिरक्षण हेतु चुने जाने वाले फल हमेशा दृढ़, परिपक्व, अच्छी गंध वाले तथा
दिखने में एक समान होना चाहिये । फलों का ताज़ा होना आवाश्यक है । कटे-फटे, खरोंच वाले, सिकुड़े, अपरिपक्व
एवं बासी फल नहीं लेना चाहिये ।यदि निर्माण विधि में फलों को छीलना एवं काटना आवाश्यक
हो तो छीलने व काटने के तुरन्त बाद परिरक्षण की संपूर्ण क्रिया एक बार में ही पूरी
कर लें । छीले व कटे हुये फल जल्दी खराब होते हैं साथ ही साथ उनके अनुशंसित
रंग एवं स्वाद में भी अंतर आ जाता है ।
परिरक्षण कब करें
बाज़ार में जब फलों की आवक
अधिक हो तथा फल सस्ते हों, तब परिरक्षण करना चाहिये । वर्षा का समय, जब
वातावरण में नमी अधिक रहती है, परिरक्षण के लिये उपयुक्त
नहीं है ।
परिरक्षण के सिद्धांत एवं विधियाँ
परिरक्षण की अवधारणा एवं मूलभूत सिद्धांत है कि
फलों व सब्ज़ियों को खराब करने वाले जैविक, रासायनिक एवं भौतिक कारकों को नष्ट करना अथवा उनकी
क्रियाशीलता में कमी लाना । ये निम्न हैः-
खाद्य पदार्थों के
परिरक्षण की विधि
निम्नलिखित एक या अधिक
विधियों के संयोजन द्वारा फल एवं सब्ज़ियों का परिरक्षण किया जा सकता है :
1.
फल एवं सब्ज़ियों का स्वअपघटन रोकना ।
2.
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाला अपघटन
रोकना ।
3.
फलों एवं सब्ज़ियों में सूक्ष्मजीवों के
प्रवेश को रोकने हेतु फल सब्ज़ियों को सुखा कर नमी कम करना, विकर (ऐंज़ाईम) नष्ट कर
आंतरिक रासायनिक अभिक्रियाओं को रोकना, सूक्ष्मजीवों का प्रवेश रोकना, सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकना एवं सूक्ष्मजीवों को दूर /
नष्ट करना ।
4.
सामन्य स्वच्छता बनाये रखना, कटे – फटे फल एवं सब्ज़ियों को हटाना
एवं साफ औज़ारों का प्रयोग करना ।
5.
भूमिगत भंडारण करना ।
6.
रस को छानना, ब्लांचिंग करना, गंधक के धुँयें से उपचार करना ।
7.
स्काल्डिंग करना, प्रषीतन तापक्रम में फल एवं सब्ज़ी को रखना एवं का
प्रयोग करना ।
8.
पार बॉयलिंग करना, शीतन करना, पाश्चुरीकरण करना, उच्च तापमान का
प्रयोग करना एवं जीवाणु नाशन ताप का उपचार करना
।
9.
परिरक्षकों का प्रयोग करना
।
फलों एवं सब्ज़ियों के परिरक्षण के सिद्धान्त
फलों एवं सब्ज़ियों के परिरक्षण के सिद्धान्त निम्नानुसार हैं :
आरोगाणुता का सिद्धान्त
सब्ज़ियों एवं फलों को खराब करने में सूक्ष्मजीव मुख्य भूमिका
निभाते हैं । सब्ज़ियों एवं फलों को खराब होने से बचाने के लिये उपरोक्त सिद्धान्त
का उपयोग किया जाता है । जिसके तहत् सब्ज़ियों एवं फलों को अच्छे से धोने जैसी विभिन्न विधियों के
द्वारा सूक्ष्मजीवों को दूर रखा जाता है एवं फल एवं सब्ज़ियों को नष्ट होने से
बचाया जाता है ।
विकर के नष्ट करने का
सिद्धान्त
विकर (ऐंज़ाईम), सब्ज़ियों एवं फलों में उपस्थित ऐसे जैव
रासायनिक तत्व है जिनकी उपस्थिति में सब्ज़ियों एवं फलों में होने वाले जैव
रासायनिक अभिक्रियायें नियंत्रित होती हैं । इन
जैव रासायनिक अभिक्रियाओं के कारण सब्ज़ियों एवं फलों पकते है तथा पकने के
उपरान्त सड़ते हैं । छिले हुये अथवा कटे या तैयार सब्ज़ियों एवं फलों को उबले
जल में 4-5 मिनट तक रखकर उपचारित (ब्लाँच)
करने से यह विकर नष्ट हो जाते हैं तथा सब्ज़ियों एवं फलों मे होने वाली जैव
रासायनिक अभिक्रियाओं रूक जाती हैं जिसके कारण पके हुये सब्ज़ियों एवं फलों सड़ने से
बच जाते है तथा सब्ज़ियों एवं फलों का अनुशंसित रंग परिवर्तित नहीं होता ।
नमी के निष्कासन का
सिद्धान्त
सब्ज़ियों एवं फलों में नमी की उपस्थिति के कारण ऐसे
सूक्ष्मजीव से क्रियाशील होते हैं । जो सब्ज़ियों एवं फलों को दूषित एवं नष्ट करते हैं
। यदि सब्ज़ियों एवं फलों से नमी निकाल दें तो यह सूक्ष्मजीव क्रियाशील नहीं हो
पायेंगे अतः सब्ज़ियों एवं फल दूषित अथवा नष्ट नहीं होते ।
मृदु प्रतिरोघी पदार्थों के उपयोग का सिद्धान्त
सब्ज़ियों एवं फलों में दूषित तथा नष्ट होने से
बचाने के लिये सब्ज़ियों एवं फलों में उपस्थित सूक्ष्मजीवों को निष्क्रिय करना
आवश्यक होता है जैसा कि बिंदु तीन में उल्लेख किया गया है । इन्हें निष्क्रिय करने
हेतु पोटैशियम-मैटा-बाय -सल्फाईट जो कि एक मृदु प्रतिरोघी तत्व है, का उपयोग किया जाता है जो कि जल के सम्पर्क में
आकर सल्फर-डाई-ऑक्साईड नामक रसायन का निर्माण करता है । सल्फर-डाई-ऑक्साईड की
उपस्थिति में सूक्ष्मजीव (विशेषकर फफूँद एवं बैक्टिरिया) निष्क्रिय हो जाते है एवं
सब्ज़ियों एवं फलों खराब होने से बच जाती हैं । वायु की उपस्थिति में सब्ज़ियों एवं
फलों का अनुशंसित रंग परिवर्तित होता है । किन्तु पोटेशियम-मैटा-बाय
सल्फाईट द्वारा फल एवं सब्ज़ियों को उपचारित करने से इनका अनुशंसित रंग अपरिवर्तित रहता है ।
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